रूस के नागरिक रविवार को अपने अगले राष्ट्रपति के लिए वोट दे रहें हैं। चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति पुतिन के अलावा 7 और उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि, यह लगभग तय माना जा रहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ही अगले 6 साल तक इस पद पर बने रहेंगें। पूर्वी रूस में सबसे पहले मतदान शुरू हुआ। अगर पुतिन ये चुनाव जीत जाते हैं तो राष्ट्रपति के तौर पर ये उनका चौथा कार्यकाल होगा। जोसेफ स्टालिन के बाद पुतिन रूस पर दूसरे सबसे लंबे तक शासन करने वाले नेता बन चुके हैं।
युवा करें वोट, नहीं तो होंगे सस्पेंड-
वहीं इस चुनाव में चुनाव में युवाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेजों से मतदान में हिस्सा नहीं लेने वाले युवाओं को सस्पेंड करने तक की धमकी दी है। वहीं पोलिंग बूथ से सेल्फी खींचकर भेजने वाले लोगों को इनाम देने की बात भी कही गई है।
माना जा रहा है एकतरफा चुनाव-
आपको बता दें इस चुनाव में लगभग 11 करोड़ मतदाता हिस्सा ले रहे हैं। मतदान रूस के समय के मुताबिक सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा। जानकारी के मुताबिक, रूस के पूर्वी इलाके में मतदान शुरू हो चुका है। हालांकि, राजधानी मॉस्को में इसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार करीब 11 बजे शुरू होगी। हालांकि, यह चुनाव एकतरफा ही माना जा रहा है क्योंकि कोई भी कद्दावर नेता पुतिन के खिलाफ नहीं लड़ रहा।
पुतिन के लिए किया गया संविधान में बदलाव-
आपको बता दें कि पुतिन 2000 से 2008 तक लगातार दो बार रूस राष्ट्रपति चुने गए। हालांकि, रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स 2 बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। इसलिए 2008 में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की। इसके बाद 2012 में पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई। पुतिन के लिए देश के संविधान में संशोधन भी कर दिया गया। अब रूस में 2 बार राष्ट्रपति बनने की सीमा को खत्म किया गया। साथ ही उनके कार्यकाल को 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया।
दोस्त की बेटी दे रही है टक्कर-
बता दें इन चुनावों की खास बात यह है कि पुतिन के खिलाफ ‘कसिनिया सबचक’ चुनाव में लड़ने वालों में से एक हैं, जो कोई और नहीं पुतिन के ही दोस्त ऐंतोनियो सबचक की बेटी हैं। 36 साल की कसिनिया टीवी शो की होस्ट भी रह चुकी हैं। 1991 में सेंट पीट्सबर्ग के मेयर चुने गए ऐंतोनियो सबचक को साल 2000 में हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया। वहीं रूस में कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ऐंतोनियो की मौत के पीछे कहीं न कहीं पुतिन का भी हाथ था।